मुसाफिर चल

मुसाफिर चल


मुसाफिर चलते चलते थक गया है

सफर जाने अभी कितना पड़ा है।


कहीं दूर से आती संगीत की आवाज सुन कर उसे लगा शायद ये उसके लिए ही बना है....

सही तो कहा है..... रात दिन चलते रहना और बस चलते ही रहना....यही तो है उसकी नियति....

कांधे पर एक भारी भरकम कुटुंब का बोझ, घर का इकलौता कमाऊ पूत, दो दो जवान कंवारी बहनें, दो छोटे पढ़ने वाले भाई, विधवा मां और एक बिन ब्याही कुंवारी अधेड़ बुआ....

16 का तो था जब अचानक पिताजी एक एक्सीडेंट में स्वर्ग सिधार गए, दसवीं की परीक्षा जैसे तैसे पूरी की.... बहुत होशियार था क्लास में हमेशा अव्वल आता था.... पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

कुछ ही दिनों में घर में खाने पीने के लाले पड़ने लग गए.... ऐसे में गुरबक्श चाचा ने सुझाया, ड्राइवरी सीख लो, और उनकी तरह लारी चलाना शुरू कर दो।

IAS बनने का सपना ताक पर रख, उसने ड्राइविंग स्कूल ज्वाइन कर लिया और एक महीने बाद गुरबक्श चाचा ने उसे अपने मालिक से कह कर काम पर लगवा दिया। बस फिर शुरू हो गया दिन रात का सफर.... कभी इस शहर, कभी उस शहर...

बस अब तो रास्ते ही उसकी मंजिल थे और ट्रक का स्टीयरिंग व्हील उसकी महबूबा.....

ओए पा जी.... किन सोचं में डूब गए तुस्सी....

ट्रैफिक जाम खुल गया है.....जल्दी गड्डी में गेयर डालो और चल पड़ो..... छोटू की आवाज ने उसे वापस वर्तमान में ला खड़ा कर दिया।

ओए.....कुछ नहीं छोटू यार..… चल चलिए....

कह कर गाड़ी स्टार्ट की और गियर में डाल कर आगे बढ़ाई....

दूर से अभी भी गीत की आवाज आ रही थी, बस गाना बदल गया था....

जिंदगी एक सफर है सुहाना....यहां कल क्या हो किसने जाना.....

उसके चेहरे पर एक मुस्कान दौड़ गई, और ट्रक अपनी रफ्तार से अगली मंजिल की तरफ दौड़ पड़ा..... रुकने के लिए नहीं..... चलते रहने के लिए..........

सफर जारी है.........

आभार – नवीन पहल – १८.०८.२०२२❤️❤️

# प्रतियोगिता हेतु 


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9 Comments

Babita patel

24-Aug-2023 06:54 AM

nice

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Seema Priyadarshini sahay

20-Aug-2022 03:16 PM

बहुत खूबसूरत

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Mithi . S

20-Aug-2022 03:16 PM

Very nice

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